(1)
बड़े सपने
छोटे छोटे अपने
बड़े बेगाने
(2)
माता ताकती
एकटक देखती
आएगी पाती
(3)
विरोध करे
जीवन अवरुद्ध
वायु अशुद्ध
(4)
प्रेम अतुल
अपरिभाषित है
स्वच्छंद प्रेम
(5)
समझे कौन
अंतर्वेदना मेरी
हैं सब मौन
बड़े सपने
छोटे छोटे अपने
बड़े बेगाने
माता ताकती
एकटक देखती
आएगी पाती
विरोध करे
जीवन अवरुद्ध
वायु अशुद्ध
प्रेम अतुल
अपरिभाषित है
स्वच्छंद प्रेम
समझे कौन
अंतर्वेदना मेरी
हैं सब मौन
0 COMMENTS:
एक टिप्पणी भेजें
" आधारशिला " के पाठक और टिप्पणीकार के रूप में आपका स्वागत है ! आपके सुझाव और स्नेहाशिर्वाद से मुझे प्रोत्साहन मिलता है ! एक बार पुन: आपका आभार !